Important Terms of Unity Part 9

sprite in Important Terms of untiy part 7

स्प्राइट:- Important Terms of Unity

Important Terms of Unity Part 9 के सुरुआत मे हम लोग देखेंगे की स्प्राइट क्या होते हैं।

स्प्राइट जस्ट टेक्सचर्स होते हैं जिनको फ्लैट 3D ऑब्जेक्ट्स पर अप्लाई किया जाता है

models tab Important Terms of untiy part 7

अगर आपको यूनिटी में कोई मेष बनानी है तो यहां पर पहले से दी गई यानी previously  डिफाइंड जो मेष होती हैं उन ऑब्जेक्ट पर इन built-in-meshes  का उपयोग करके आप कोई भी सिंपल मेष बना सकते हैं यानी कि एक ऑब्जेक्ट का मॉडल बन सकते हैं इन प्री डिफाइंड meshes  की मदद से। 

built in meshes Important Terms of untiy part 7

supported files:-

अब बात करते हैं कि किस तरह की फाइलों को यूनिटी सपोर्ट करता है । 

यूनिटी Unity supports .fbx, .dae, .3ds, .dxf, .obj

यूनिटी मे वन जनेरिक यूनिटी 1 मीटर के बराबर होती है। वही बाकी की कुछ softwares  मे जैसे की ब्लेन्डर मे वन यूनिटी 1 सेन्टमीटर के बराबर होती है।

टेक्सचर्स, शेडर्स और मैटेरियल्स:-

Important Terms of Unity Part 9 के अंत मे हम लोग बात करते हैं टेक्सचर्स, शेडर्स और मैटेरियल्स की। 

ये जो ग्राफिकल असेट्स होती हैं।  

इसको हम लोग टेक्सचर्स, शेडर्स  और मैटेरियल्स में बताते हैं। जहां टेक्सचर्स और शेडर्स, मैटेरियल्स पर अप्लाई होते हैं। 

और फिर यह मैटेरियल्स मॉडल पर अप्लाई होते हैं। 

तो इस हिसाब से मैटेरियल्सटेक्सचर्स और शेडर्स  के लिए कंटेनर की तरह काम करते हैं 

टेक्सचर्स फ्लैट इमेज होती हैं जो की 3D ऑब्जेक्ट्स पर अप्लाई होती हैं टेक्सचर्स  से ही मॉडल कलरफुल और इंटरेस्टिंग बन जाता है ।

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Important terms of Unity Part 8

mesh materials shaders textures in unity part 8

मॉडल, मैटेरियल्स और टेक्सचर:-

Important terms of Unity Part 8 के इस चैप्टर में हम लोग देखने वाले हैं,मॉडल, मैटेरियल्स और टेक्सचर को । 2D ग्राफ की अगर हम लोग बात करें,तो यह ग्राफ स्प्राइट से मिलकर बनता है। 

यहां पर स्प्राइट का मतलब है फ्लैट इमेज । 

2D गेम में जब इन स्प्राइट इमेज के एक प्वाइंट को हम लोग चेंज करते हैं,एक सीक्वेंस में। 

तब यह इमेज चलती हुई प्रतीत होती हैं।  

Meshes:-

इसके बाद बात करते हैं meshes की। 

Mesh क्या होते हैं?

mesh इंटरकनेक्टेड ट्राएंगल्स की एक सीरीज होती है। 

यह meshes एक दूसरे से कनेक्ट होकर एक स्ट्रिप बनाती हैं।  

और इन strips  से मिलकर ही एक complex ऑब्जेक्ट बनता है। 

अब यहां पर एक क्वेश्चन नहीं उठता है कि क्या जितने भी 3D ऑब्जेक्ट्स हैं वह पूरी तरीके से ट्रायंगल से मिलकर बनते हैं? 

तो इसका उत्तर है हां। 

कंप्यूटर ऑब्जेक्ट को जब प्रोसेस  करता है तो ऑब्जेक्ट से पहले उसे बोलते हैं कि ग्राफिक्स को कंप्यूटर प्रक्रिया करता है।  

ग्राफिक्स क्या होता है? 

ये सीरीज आफ प्वाइंट्स होता है 

और पॉइंट्स क्या होते हैं ?

ये वर्टेक्स होते हैं। और और तीन वर्टेक्स मिलकर एक ट्रायंगल बनाते हैं।  

दो ट्रायंगल बनाने के लिए हमें एक और वर्टेक्स की जरूरत पड़ती है। 

यानी दो ट्रायंगल हम चार वर्टेक्स से बना सकते हैं। 

और तीन ट्रायंगल बनाने के लिए हमें 5 वर्टेक्स की जरूरत पड़ती है। 

इस तरीके से हम ट्रायंगल की स्ट्रिप बनाकर पूरे 3D ऑब्जेक्ट को तैयार कर सकते हैं। 

उसका मॉडल बना सकते हैं क्योंकि यही ट्रायंगल की स्ट्रिप ऑब्जेक्ट की मेष बनाकर हमें देता है। 

Model:-

तो इस तरह से मेष में सारे पॉइंट्स और लाइन होती हैं, जो की ऑब्जेक्ट के 3d शॉप को डिफाइन करते हैं।  

मेष को हम लोग मॉडल भी बोल सकते हैं और यह थोड़ा सा बड़ा होता है 

मतलब एक ऑब्जेक्ट का मॉडल ऐसा होता है कि ऑब्जेक्ट का सारा मेष इसमें मौजूद होता है। 

तो Important terms of Unity Part 8 के अंत मे बड़ी डेफिनेशन के रूप में हम लोग देखे तो मॉडल एक ऑब्जेक्ट है जिसमें मेष एनीमेशन टेक्सचर्स शेडर्स और मैटेरियल्स मौजूद होते हैं।

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Important Terms in Unity Part 7

स्केलिंग:-

Important terms of Unity Part 7 के इस पार्ट मे बात करते हैं स्केलिंग की । 

जिस तरीके से आप Rotation कर रहे थे।  उसी तरीके से अगर हम लोग ऑब्जेक्ट के साइज को बदलें तो इस साइज के बदलने की प्रक्रिया को स्केलिंग कहते हैं। 

निम्नलिखित फिगर में आप इसे समझ सकते हैं

Unity interface showing Gizmo and scalling terms part 7.

लोकल कोऑर्डिनेट सिस्टम:- 

यहां पर जब आप ट्रांसपोर्टेशन कर रहे होते हैं यानी कि ऑब्जेक्ट की पोजीशन बदल रहे होते हैं।  

या ऑब्जेक्ट को स्केल कर रहे होते हैं।  

या ऑब्जेक्ट में रोशन कर रहे होते हैं। 

तो यहां पर आपको बस एक बात याद रखनी है यह जितने भी ट्रांसफॉर्मेशन आप कर रहे होते हैं ,

सारे लोकल कोऑर्डिनेट सिस्टम पर आपको करना होता है।  

क्योंकि आप लोकल कोऑर्डिनेट सिस्टम पर अपने ऑब्जेक्ट को रोटैट कर रहे होते हैं।  तो आप देखेंगे आपका जो लोकल कोऑर्डिनेट का जो ओरिएंटेशन है वह भी चेंज हो जाता है।  

गिज्मो पोजीशंस,पीवॉट ऑप्शंस और सेंटर ऑप्शन:-

Important terms of Unity Part 7 के इस पार्ट के अंत मे अब बात कर लेते हैं गिज्मो पोजीशंस की।  

जो आपको कॉर्नर पर आइकॉन दिख रहा है, इसी को गिज्मो बोलते हैं। 

इसके अलावा आपको पीवॉट ऑप्शंस और सेंटर ऑप्शन दिखते हैं।  

अगर आप ऑपरेशन करने से पहले पीवॉट ऑप्शन को सेलेक्ट करते हैं

तो जितने भी ऑब्जेक्ट आपके सीन में होते हैं। 

अगर आप उन सभी पर ऑपरेशन करना चाहते हैं। 

उनमें जो फर्स्ट सिलेक्टेड ऑब्जेक्ट होता है। 

उसी को केंद्र मानकरआप अपने सीन  के ऑब्जेक्ट में ऑपरेशन कर रहे होते हैं। 

वहीं अगर अपने सेन के सारे ऑब्जेक्ट के को सेलेक्ट करके रखा है, और पीवॉट ऑप्शन की जगह पर अपने सेंटर सिलेक्ट कर रखा है।  

तो जब आप ऑपरेशन करेंगे सारे ऑब्जेक्ट के ऊपर, तो जो भी ऑपरेशन होगा।  

वह सारे ऑब्जेक्ट का एक केंद्र मानकर इस केंद्र के अनुसार सारे ऑब्जेक्ट पर ऑपरेशन करेगा। 

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Important Terms in Unity Part 6

फंडामेंटल यूनिट गेम ऑब्जेक्ट:-

Important Terms in Unity Part 6 के अंदर हम लोग गेम ऑब्जेक्ट की बात करेंगें। तो जितनी भी चीजें सीन में दिख रही होती हैं। जैसे कि मॉडल,लाइट्स, कैमरा, पार्टिकल सिस्टम इत्यादि होते है।  यह सारे गेम ऑब्जेक्ट होते हैं। एक तरह से सीन की फंडामेंटल यूनिट गेम ऑब्जेक्ट ही होते हैं।और जैसे ही किसी गेम ऑब्जेक्ट को आप सेलेक्ट करते हैं। तो इंस्पेक्टर पैनल में आपको जितनी चीज दिखती हैं।  वह इस गेम ऑब्जेक्ट में वैराइटी डालने का काम करती हैं। इंस्पेक्टर पैनल में आपको स्कीम ऑब्जेक्ट के ऊपर अप्लाई होने वाले कॉम्पोनेंट्स प्रॉपर्टीज दिखती हैं। जो कि इस गेम ऑब्जेक्ट के बिहेवियर को चेंज करती हैं।  

निम्नलिखित फिगर में आपको बताया जा रहा है कि किस तरीके से आप अपने सीन में गेम ऑब्जेक्ट ऐड कर सकते हैं।  यानी की गेम ऑब्जेक्ट जोड़ सकते हैं।इसके लिए आप को Hierachy वाले टैब मे (directional light के नीचे ) राइट क्लिक करके ऑब्जेक्ट ऐड कर सकते हैं।  

unity scene interface image showing addition of game object

ट्रांसफॉर्मस :-

इसके बाद हम लोग बात कर लेते हैं ट्रांसफॉर्मस की। ट्रांसफॉर्मस क्या होते हैं। तो 3D स्पेस में जितने भी ऑब्जेक्ट आपको दिखाई देते हैं।  उन सभी ऑब्जेक्ट में पोजीशन होती है, रोटेशन होती है, स्केल होते हैं।  अगर आप पोजीशन, रोटेशन, स्केल को आप कंबाइन करके देखें। तो यही ऑब्जेक्ट का ट्रांसफॉर्म कहलाता है। तो ट्रांसफॉर्म कंपोनेंट ऐसा कंपोनेंट होता है। जो हर एक गेम ऑब्जेक्ट के पास होता है। यहां तक कि अगर आप empty गेम ऑब्जेक्ट लेंगे तो उसमें भी ट्रांसफॉर्मस होते हैं।  

पोजीशन, rotation,  और स्केल:-

तो इस ट्रांसफार्मर में आपको ऑब्जेक्ट की तीन चीज दिखाई देती है पोजीशन, rotation,  और स्केल। 

तो जो हम लोग q w e r t  के जरिए जो फंडामेंटल ऑपरेशन कर रहे थे।  वह एक तरह से  इसके ट्रांसफार्मर में ही चेंज कर रहे थे। यानी की जो ऑपरेशन हम लोग ऑब्जेक्ट पर करते हैं।

चाहे उसका Rotation बदले ,स्केल बदले या पोजीशन बदलें तो इससे ऑब्जेक्ट का ट्रांसफॉर्म ही बदलता था। 

निम्नलिखित फिगर में आप इसे देख सकते हैं। 

यहां पर आपको ऑब्जेक्ट का ट्रांसफॉर्म्स और जो इसके ऊपर होने वाले ऑपरेशन हैं, वह दिखाई दे रहे हैं।

unity scene showing position scalling and rotation of game object

ट्रांसलेशन:-

इसके बाद बात कर लेते हैं ट्रांसलेशन की 

ट्रांसलेशन क्या होता है? 

सीन में मौजूद जो आपको गेम ऑब्जेक्ट दिखाई दे रहे होते हैं।  उनकी पोजीशन को जब चेंज करते हैं।

मतलब आप उनके कोऑर्डिनेट पोजीशन को जब चेंज करते हैं।  तो इसी चेंज करने की प्रक्रिया को ट्रांसलेशन कहा जाता है। 

रोटेशन:-

Important Terms in Unity Part 6 के अंत मे हम लोग बात कर लेते हैं रोटैशन की।

जिस तरीके से पोजीशन को आप चेंज कर रहे थे तो उसे हम लोग ट्रांसलेशन बोलते हैं। 

उसी तरीके से जब आप ऑब्जेक्ट के रोटेशन को चेंज करते हैं। 

तो उसकी प्रक्रिया को हम लोग Rotation बोलते हैं। 

जैसे कि हम लोग किसी ऑब्जेक्ट को उसके किसी एक्सेस के अबाउट rotate  करते हैं। 

तो इसे ही हम लोग रोटेशन अबाउट that axis बोलते हैं। 

निम्नलिखित फिगर में इसे आप समझ सकते हैं

unity scene showing rotation of game object
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Important Terms in Unity Game Part 5

unity interface showing local and global axis

गेम ऑब्जेक्ट के पोजीशन:-

Important Terms in Unity Game part 5 में बात करते हैं गेम ऑब्जेक्ट के पोजीशन की । 

तो गेम ऑब्जेक्ट की पोजीशन की बात हम लोग इसलिए करते हैं 

ताकि गेम ऑब्जेक्ट को सीन में पहचाना जा सके। 

इसे हम लोग पहचानते हैं ऑब्जेक्ट की पोजीशन के जरिए। 

इसलिए हम लोगों को कोऑर्डिनेट सिस्टम पढ़ने की जरूरत पड़ती है। 

कोऑर्डिनेशन सिस्टम फॉर 2d  एण्ड 3d :- 

यहां पर कोऑर्डिनेशन सिस्टम दो प्रकार के होते हैं।  एक 2D और दूसरा 3D। 

2D में किसी भी ऑब्जेक्ट के पोजीशन को दो एक्सेस से दिखाते हैं। 

वही 3D ऑब्जेक्ट को हम लोग तीन एक्सेस की मदद से दिखाते हैं। 

मतलब यह है कि अगर ऑब्जेक्ट 2D स्पेस में है 

तो आप गेम ऑब्जेक्ट को 2D पॉइंट से रिप्रेजेंट करते हैं।  

वहीं अगर गेम ऑब्जेक्ट 3D स्पेस में है।  

तो वहां पर आप गेम ऑब्जेक्ट को या उसकी पोजीशन को 3D कोऑर्डिनेटर से रिप्रेजेंट करते हैं। 

यूनिटी भी 3D इंजन है मतलब इसके अंदर जितने भी गेम ऑब्जेक्ट होते हैं। 

सबको 3D कोऑर्डिनेटर से रिप्रेजेंट किया जाता है

आप सुनते हैं 2D गेम के बारे में भी।  

तो जो 2D गेम होते हैं असल में वह भी 3D गेम ही होते हैं।  

लेकिन उनका जो तीसरा एक्सेस होता है उसे दबा दिया जाता है उसका use नहीं किया जाता है। 

इसलिए वह 3D गेम होते हुए भी 2D गेम की तरह काम करता है।  

क्योंकि उसका तीसरा एक्सिस में कोई वैल्यू नहीं रखी जाती है। 

लोकल कोऑर्डिनेट सिस्टम एण्ड ग्लोबल कोऑर्डिनेट सिस्टम:-

यहां पर आपको अलग तरह के दो कोऑर्डिनेट सिस्टम में देखने को मिलते हैं। 

एक कोऑर्डिनेशन सिस्टम को बोलते हैं लोकल कोऑर्डिनेट सिस्टम और दूसरा होता है वर्ल्ड कोऑर्डिनेट सिस्टम 

तो जो लोकल कोऑर्डिनेट सिस्टम होता है। वह हर एक गेम ऑब्जेक्ट के साथ अटैच होता है। 

और जो भी ऑपरेशन आप गेम ऑब्जेक्ट पर करते हैं। वह इसी लोकल कोऑर्डिनेट सिस्टम के आधार पर आप करते हैं। 

वहीं जो सीन होती है उसका एक कोऑर्डिनरी सिस्टम होता है जिसको हम लोग वर्ल्ड कोऑर्डिनेट सिस्टम बोल सकते हैं। 

जैसे कि इस समय जो जिस आपको सीन में दिखाई दे रहा होगा वह वर्ल्ड कोऑर्डिनेट सिस्टम को बता रहा है वहीं अगर आप अपने ऑब्जेक्ट को थोड़ा सा टर्न करें। 

 मतलब इसके ऊपर थोड़ा सा ऑपरेशन करें। जैसे कि इसकी एक्स एक्सिस के अबाउट इस ऑब्जेक्ट को थोड़ा सा 90 डिग्री में टर्न कर दें। 

तो यह जो 90 डिग्री में टर्न है यह लोकल कोऑर्डिनेट सिस्टम की वजह से हम लोग कर पा रहे हैं। 

और इससे जो वर्ल्ड कोऑर्डिनरी सिस्टम है, वहां पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। 

क्योंकि वह आपके वर्ल्ड यानी आपके सीन से जुड़ा हुआ कोऑर्डिनेट सिस्टम होता है। 

तो किसी भी ऑब्जेक्ट में जब आप कोई ऑपरेशन करते हैं तो आपको यह ध्यान रखना है कि आप कौन सा कोऑर्डिनेट सिस्टम चूज कर रहे हैं। 

तो आप ने इस Important Terms in Unity Game part 5 पोस्ट मे सीखा की सही से किसी गेम ऑब्जेक्ट पर काम करने के लिए आप को उसके  लोकल कोऑर्डिनेट सिस्टम पर काम करना चाहिए। 

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Important Terminologies of Unity part 4

important Terminologies of Unity part 4

Maximize on play:-

Important Terminologies of Unity part 4 के इस ऑप्शन को  करने से आपका जो रनिंग गेम है

वह आपके यूनिटी एडिटर के फुल स्क्रीन को कवर करते हुए रन करेगा

Mute audio :-

इसके जरिए आप अपने running गेम में मौजूद ऑडियो को बंद कर सकते हैं

Stats:- 

यह बटन यह पता करता है कि जो गेम चल रहा है उसका स्टैटिसटिक्स स्क्रीन पर रेंडर हो रहा है कि नहीं ।  

या स्क्रीन पर उसके फ्रेम रेट दिखाई दे रहे हैं कि नहीं। 

Hand tool:- 

इसके बाद हम लोग बात कर लेते हैं हैंड टूल की तो जो हैंड टूल आपको अपनी स्क्रीन पर दिख रहे होंगे ।

इन टूल की मदद से हम लोग सीन में मौजूद किसी भी ऑब्जेक्ट के ऊपर ऑपरेशन कर सकते हैं। 

जैसे कि ऑब्जेक्ट को छोटा बड़ा कर सकते हैं। 

उसका रोटेशन बदल सकते हैं।

उसकी पोजीशन बदल सकते हैं। इस तरीके के और भी काम कर सकते हैं। 

इसके लिए आपको अपने कीबोर्ड में शॉर्टकट keys को याद रखना पड़ेगा।

अगर आप अपने कीबोर्ड में q w e r t  शॉर्टकट keys को याद रखते हैं।

तो यह शॉर्टकट keys  के जरिए ही आप हैंड टूल का आसानी से ऑब्जेक्ट के ऊपर इस्तेमाल कर सकेंगे। 

कैमरा :-

इसके बाद बात कर लेते हैं कैमरा की ।  तो जब आप यूनिटी में काम करते हैं

तो आपको दो तरीके के कैमरे दिखाई देते हैं।

एक कैमरा वह है जो इस समय आपको सीन में दिख रहा है।

इसको स्टैंडर्ड गेम ऑब्जेक्ट कैमरा बोलते हैं। 

दूसरे टाइप का जो कैमेरा होता है वह इमेजिनरी कैमरा होता है।

यह इमेजिनरी कैमरा ही होता है जिसकी मदद से आप सीन में कुछ भी देख सकते हैं। 

आगे आने वाले चैप्टर में इन कैमरास को आप cinemachine  में वर्चुअल कैमरा के रूप में स्टडी करेंगे। 

Flythrough mode:-

 Important Terminologies of Unity part 4 के अंत मे बात करते हैं फ्लाइट थ्रू मोड की ।

इसका मतलब होता है की आप सीन में किस तरीके से आसानी से मूव कर सकते हैं ।

यह आपको फर्स्ट पर्सन शूटर जैसे गेम की फीलिंग कराएगा। 

आपको ऐसा लगेगा कि आप अपने गेम में फर्स्ट पर्सन शूटर जैसा गेम खेल रहे हैं। 

इसके लिए आपको अपना माउस और कीबोर्ड के जो इनपुट keys होते हैं,जिसके जरिए आप अपने गेम कैरेक्टर को आगे मूव करते हैं,

उसको आप इस्तेमाल करते हैं। 

ताकि आप गेम में किसी भी डायरेक्शन में मूव कर सकें। 

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Important Terminologies in Unity Part 3

Unity Terminologies part 3 from chapter 1

Scene Gizmo:- 

Important Terminologies in Unity Part 3 मे कुछ इम्पॉर्टन्ट टूल्स पढ़ेंगे जैसे की गिज्मो।

ये हमें ऑब्जेक्ट को किस डायरेक्शन में रखना है ये इस चीज में मदद करता है।  

दरअसल गिज्मो की मदद से हम लोग सीन में डायरेक्शन को डिफाइन करते हैं । 

गिज्मो की मदद से ही आप पता कर सकते हैं की सीन व्यू में ऑब्जेक्ट कि एक्सिस के अलांग रखा गया है। 

गिज्मो में आपको x y z axis दिखाई देते हैं जो की अलग-अलग कलर में रंगे हुए हैं। 

जब आप गिज्मो के किसी एक्सेस पर क्लिक करते हैं तो आपको उसी एक्सेस के अलांग सीन दिखाई देने लगती है । वहीं अगर आप किस्म के अंदर मौजूद जो बॉक्स होता है वहां पर अगर आप क्लिक करते हैं तो आपको यहां पर दो मोड दिखाई देते हैं एक आइसो मोड है दूसरा है पर्सपेक्टिव मोड । 

आइसो मोड का मतलब होता आइसोमेट्रिक।  

यह 3D व्यू होता है जिसमें कोई पर्सपेक्टिव अप्लाइड नहीं होता है। 

वही पर्सपेक्टिव मोड भी  3D मोड होता है लेकिन इसमें पर्सपेक्टिव अप्लाइड होता है।  

Game view :- 

गेम व्यू में आपको तीन बटन दिखाई देते हैं play , pause और step। 

यहां पर गेम को रन करके दिखाने के लिए आपके पास यह तीन बटन होते हैं।  

play :- 

सबसे पहले play बटन होता है प्ले बटन की मदद से आप करंट सीन को run कर सकते हैं। 

गेम की जो करंट सीन है जहां पर सारे कंट्रोल्स होते हैं। वह काम कर रहे हैं कि नहीं कर रहे हैं यह चीज आप प्ले बटन को क्लिक करके पता कर सकते हैं। 

pause :- 

इसके बाद pause बटन होता है जिसके जरिए आप करंट रनिंग सेन को या गेम को रोक सकते हैं। 

Step :- 

इसके बाद Step बटन होता है । इसका इस्तेमाल डीबगिंग में होता है । इसका मतलब यह होता है कि आप अपने करंट रनिंग प्रोग्राम को बार-बार स्टेप पर क्लिक करके उसको स्टेप बाय स्टेप उसकी वर्किंग को देख सकते हैं।  मतलब कहने का यह है कि आपका जो गेम है मतलब जो सीन है वह तेजी से चल रही होती है तो उसको अपनी हिसाब से चलने के लिए आप स्टेप को बार-बार क्लिक करके देख सकते हैं कि हर एक स्टेप पर गेम कैसे चल रहा है।  

Aspect drop-down :-

Important Terminologies in Unity Part 3 के अंतिम टोपिक मे हम लोग बात करते हैं Aspect drop down की। इसके जरिए किसी रनिंग गेम के व्यू को हम चेंज कर सकते हैं।  इसके लिए हम एस्पेक्ट ratio चेंज करते हैं । इसमें बाय डिफ़ॉल्ट फ्री एस्पेक्ट सेट  होती है। 

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Important Terminologies in Unity Part 2

Important Terminologies of Unity part 2

Inspector View:-

अब बात करते हैं Important Terminologies in Unity Part 2 की जिसमे हम लोग समझेंगे इंस्पेक्टर व्यू को।

तो जो इंस्पेक्टर व्यू होता है यह एक ऐसा टाइप होता है। 

इसका काम करंट सिलेक्टेड ऑब्जेक्ट या गेम ऑब्जेक्ट और उसके  सारे प्रॉपर्टीज को या कंपोनेंट को शो करना। 

इंस्पेक्टर पैनल में आपको बहुत सारे डिफरेंट टाइप्स के कंपोनेंट देखते हैं तो जिस भी ऑब्जेक्ट को सेलेक्ट किया जाता है ।

उसके सारे कॉम्पोनेंट्स आपको इंस्पेक्टर पैनल में दिखाई देते हैं जैसे कि अगर आप किसी ऑब्जेक्ट को सेलेक्ट करते हैं

तो सबसे पहले आपको उसका एक कंपोनेंट दिखाई देगा 

मैन कैमरा :-

यह भी Inspector View का एक  कंपोनेंट है। 

इसके अलावा ट्रांसफॉर्म दिखाई देगा यह भी उसे ऑब्जेक्ट का कंपोनेंट है।  

ऑडियो लिस्नर दिखाई देगा यह भी उसे ऑब्जेक्ट का कंपोनेंट है

या फिर आप कोई कंपोनेंट इस ऑब्जेक्ट के साथ ऐड करना चाहते हैं तो यहां पर आप यह भी काम कर सकते हैं 

कंपोनेंट ऐड करने के लिए आपको सबसे नीचे एड कंपोनेंट वाला जो टाइप है उसको क्लिक करना होता है

और वहां पर आप किसी भी कंपोनेंट को जीसे आप ऐड करना चाहते हैं, सर्च वाले ऑप्शन में सर्च कर सकते हैं

और  कंपोनेंट को ऐड कर सकते हैं। 

तो इस हिसाब से हम देखें तो इंस्पेक्टर व्यू जो होता है वह सिलेक्टेड ऑब्जेक्ट के सारे कॉम्पोनेंट्स को बताता है

इसका मतलब है कि हर एक ऑब्जेक्ट अपने कंपोनेंट के लिए एक कंटेनर की तरह काम करता है।  

scene view :- 

सीन व्यू मोस्ट इंर्पोटेंट व्यू होता है जो कि आपको यह कैपेसिटी देता है कि आप अपने गेम को visually  देख सकते हैं 

आप अपने माउस और कुछ हॉट keys  की मदद से इस सीन व्यू में अपने ऑब्जेक्ट को प्लेस कर सकते हैं 

और सीन व्यू में इन ऑब्जेक्ट को मूव भी कर सकते हैं 

चलिए अब बात कर लेते हैं Important Terminologies in Unity Part 2 के कुछ कंट्रोल्स की

जो कि इस सीन व्यू के भाग होते हैं 

Draw mode :-

सबसे पहले आपको ड्रा मोड दिखता है यह बताता है कि scene को कैसे ड्रा किया जाता है

डिफ़ॉल्ट रूप से यह shaded  पर सेट होता है जिसका मतलब है सेन के ऑब्जेक्ट का टेक्सचर फुल कलर में ड्रा किया जाएगा। 

2d/3d View :-

यह सीन के view को बताता है की सीन का जो व्यू है वह 2D है कि 3D है।  

Scene lighting :-

यह कंट्रोल यह पता करता है कि सीन में लाइटिंग किस तरीके की रखनी है। 

इसमें बाय डिफ़ॉल्ट एंबिएंट लाइटिंग होती है। और दूसरी लाइट सेन के अंदर मौजूद होती है। 

Audition mode : –

यह बताता है कि क्या सीन में कोई ऑडियो सोर्स मौजूद है।  

Game overlay:-

यह कंट्रोल बताता है की क्या सीन में स्काई बॉक्स फाग या कोई दूसरा इफेक्ट रखना है या नहीं रखना है। 

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Important Terminologies of Unity

यूनिटी मे कुछ main शब्दावली होती है । Important Terminologies of Unity की बात कर लेते हैं। 

तो इसे संक्षेप में हम लोग जानने की कोशिश करेंगे.

Unity Interface :-

जब पहली बार आप यूनिटी प्रोजेक्ट को ओपन करते हैं

तब आपको बहुत सारे ग्रे कलर के विंडो दिखाई देते हैं

इन विंडोज को हम लोग व्यूज भी कह सकते हैं।

इसे हम लोग इंटरफेस भी बोल सकते हैं । निम्नलिखित फिगर में इसे देख सकते हैं:- 

यहां पर विंडो या प्रोजेक्ट व्यूज का जो लेआउट आपको दिख रहा होता है वह डिफॉल्ट लेआउट है

लेकिन आप अपना लेआउट भी बना सकते हैं

यहां पर कई तरह के लेआउट हैं जिनको आप इस्तेमाल कर सकते हैं

इसके अलावा आप न्यू tab को ऐड भी कर सकते हैं।

Assets which are Important Terminologies of Unity:-

जो भी आप एसेट फोल्डर में रखते हैं उन सभी फाइल्स को हम असेट्स बोलते हैं। 

Game object:-

सभी चीज जो इस सीन या लेवल में होती हैं उनको गेम ऑब्जेक्ट हम लोग कह सकते हैं।

The Hierarchy View:-

यह सारे आइटम्स यानी की करंट सीन में जो सारे आइटम्सआपको दिख रहे होते हैं।

उनको शो करने का काम यही Hierarchy View करता है।

यहां आइटम्स एक Hierarchical View में अरेंज किया जा सकते हैं इसका प्रयोग पेरेंटिंग बनाने में किया जा सकता है। 

Nesting:-

यह एक Important Terminologies of Unity है ।

दो या दो से अधिक आइटम्स के बीच रिलेशनशिप स्थापित करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है।

इसका संबंध चाइल्ड पैरेंट का होता है।

जहां पर भी हमें पैरंट के जरिए चाइल्ड को हैंडल करना होता है

वहां पर हम Nesting का इस्तेमाल करते हैं। 

Scene :-

सीन को हम लोग लेवल या मैप कह सकते हैं यह ऑब्जेक्ट का कलेक्शन है ।

ये अपने बिहेवियर के साथ सीन में मौजूद रहते हैं।

आई सेट फोल्डर के अंदर Scene को आप लोग स्टोर कर सकते हैं।

इसका नाम हमेशा आपको डिस्क्रिप्टिव रखना चाहिए ताकि यह पता चले कि सीन में क्या काम किया जा रहा है। 

unity interface image
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गेम डेवलपमेंट को सीखें

 गेम डेवलपमेंट को सीखें unity se
game development in Unity in Hindi

गेम डेवलपमेंट एक ऐसा एरिया है जहां पर आपको प्रोग्रामिंग का स्किल भी चाहिए होता है। तो गेम डेवलपमेंट को सीखें इस वेबसाईट से।

अब बात करते हैं अपने देश की यानी कि भारत की तो यहां पर अभी गेम प्रोग्रामिंग में कोई एडवांसमेंट देखने को नहीं मिलता है ।

यहां की स्कूलों में भी प्रोग्रामिंगके कोर्स की शुरुआत पूरी तरीके से नहीं हुई है।

इसलिए भी यहां प्रोग्रामिंग का स्कोप  बहुत कम है।

इससे आप समझ सकते हैं कि गेम डेवलपमेंट में भारत कितना कमजोर है। 

Position ऑफ गेम डेवलपमेन्ट इन इंडिया:

अगर विदेश की बात करें तो वहां पर बहुत सारे देश हैं जहां पर यूनिवर्सिटीज में गेम डेवलपमेंट एस कोर्सेज चलता है । और वहां पर लोग कोर्स ज्वाइन करते हैं और गेम डेवलपमेंट के एरिया मेंजाते हैं। लेकिन अपने यहां ना तो कोई ऐसी यूनिवर्सिटी है और ना तो कोई ऐसा शिक्षण संस्थान है और ना ही ऐसी राष्ट्रीय स्तर की कोई संस्थान है । मतलब  कुछ भी ऐसा नहीं है यहाँ जिससे कि यहां का कोई स्टूडेंट गेम डेवलपमेंट के बारे में कुछ नया सीख सके। हां यहां के जो स्टूडेंट हैं वह गेम चलाने के बहुत शौकीन है 😂।

अक्सर देखा जाता है जो नए जनरेशन के लोग हैं वह गेम खेलने के बहुत शौकीन होते हैं उनको आपने अपने मोबाइल पर गली मोहल्ले में कहीं भी गेम खेलते हुए उनको देखा जरूर  होगा । 

एक तरीके से हमारे देश के लोग विदेशी गेम सॉफ्टवेयर के कस्टमर बने हुए हैं ।

इससे एक बहुत बड़ा नुकसान तो यह होता है कि यह लोगअपना समय ऐसे गेम  सॉफ्टवेयर पर पर बिताते हैं।

इससे कोई नुकसान होते हैं ।

दूसरी तरफ इससे भारत देश का एक बहुत बड़ा पैसा विदेश की ओर चला जाता है ।

इससे अपने देश को बहुत बड़ा नुकसान होता है। 

what is my view about game development:

और दूसरी बात यह है कि जो लोग घंटे बिताते हैं

इस गेमिंग पर मतलब गेम खेलने पर वह अपना समय लगातार खराब कर रहे होते हैं ।

इसलिए भी मैंने यह डिसाइड किया है कि मैं यहां पर गेम डेवलपमेंट से संबंधित कुछ ना कुछ नया काम करूंगा। 

इसलिए मैं इस बुक को लिख रहा हूँ ।

ये आर्टिकल इस बुक का ही भाग है । इसलिए मैं इस आर्टिकल को लिख रहा हूं। 

इस बुक को  लिखने में कितना समय लगता है ।

यह मुझे नहीं पता, लेकिन मैं इसे कंप्लीट करूंगा और इसके लिए मेरी वेबसाइट भी है ।

इस वेबसाईट  से आप छोटी-छोटी गेम से संबंधित जो शुरुआती जानकारी होती है,उसको आप ले सकते हैं ।

मेरे कुछ यूट्यूब चैनल भी है ।

वहां से भी आपको गेम डेवलपमेंट के बारे में जो फंडामेंटल जानकारी है, आपको मिल जाएगी । 

Let’s start game-making:

सबसे पहले बात करते हैं गेम इंजन की। 

गेम इंजन सॉफ्टवेयर ऐसे सॉफ्टवेयर होते हैं जिनसे गेम बनाए जाते हैं ।

अगर हम लोग बात करते हैं सबसे अच्छे सॉफ्टवेयर की, जिससे गेम बनाए जाते हैं। 

तो उनमें सबसे ऊपर है अनरील इंजनऔर दूसरा है यूनिटी इंजन।

दुनिया के 80 परसेंट से ऊपर जो गेम है वह इन्हीं दोनों सॉफ्टवेयर इंजन से बनाए जाते हैं।

तो सबसे पहले हम लोग देखेंगे यूनिटी गेम इंजन को ।

कभी कभी हम लोग अनरील इंजन गेम इंजन के बारे में भी डिस्कस करेंगे ।

तो आप गेम डेवलपमेंट को सीखें इस वेबसाईट से तो आपको गेम बनाने मे मदद मिल जाएगी।

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